Friday, November 30, 2007

बालतोड़

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neem_leaves ५० ग्राम नीम के पत्तों को पीसकर इनकी एक टिकिया सी बना लें। इसे बालतोड़ पर लगाने से वह शीघ्र अच्छा हो जाता है।
यदि बालतोड़ में पीब आ गया हो तो नीम की पत्तियों में उतनी ही काली मिर्च पीसकर लगावें, बालतोड़ बहकर सूख जायेगा।

 

mehndi या पीसी हुई मेंहदी भिगोकर जैसे होथों में लगाई जाती है, वैसे बालतोड़ के स्थान पर गाढ़ा-गाढ़ा लेप सुबह और रात को लगाने से बालतोड़ शीघ्र ही ठीक हो जाता है।

या बालतोड़ के प्रारम्भ में गेहूं के १५ - २० दानें दाँत से चबाकर लगाने से बालतोड़ ठीक हो जाएगा। दिन में दो-तीन बार लगाएँ।

Tuesday, November 27, 2007

पेट के कैंसर से बचाव

stomach

garlic नित्य भोजन के आधा-एक घंटे बाद एक-दो कली लहसुन की कच्ची ही छीलकर चबाया करें। ऐसा करने से पेट में कैंसर नहीं होता। कैंसर हो भी गया हो तो लहसुन की एक दो कली पीसकर पानी में घोलकर नित्य खाना खाने के बाद आवश्यकतानुसार लगातार एक-दो मात तक पीने से पेट का कैंसर ठीक हो जाता है।

या दही खाने से पेट में कैंसर की संभावना नहीं रहती।

 

या तनाव-मुक्त रहिये और कैंसर से बचिए। नवीन खोजों के अनुसार कैंसर का प्रमुख कारण मानसिक तनाव है और शरीर के किस भाग में होगा यह मानसिक तनाव के स्वरूप पर निर्भर है।

 

imli drypom_150 यदि कैंसर से पीड़ित व्यक्ति इमली तथा अनारदाना का सेवन करता रहे तो उसकी आयु १० वर्ष तक बढ़ सकती है। कैंसर के रोगी की रोटी आदी न खाकर चावल का ही सेवन करना चाहिए।

Saturday, November 24, 2007

काली खाँसी

Coughing

Alum भुनी हुई फिटकरी और चीनी (एक रत्ती) दोनों को मिलाकर दिन में दो बार खाएं। पांच दिन में काली खांसी ठीक हो जाती है। बड़ो को दोगुनी मात्रा दें। यदि बिना पानी के न ले सके तो एक दो घूंट गर्म पानी ऊपर से पी लें।

 

Black Pepper Whole या दही दो चम्मच, चीनी एक चम्मच, काली मिर्च का चूर्ण छः ग्राम मिलाकर चटाने से बच्चों की काली खाँसी और वृद्धों की सूखी खांसी में आश्चर्यजनक लाभ होता है।

Friday, November 23, 2007

गठिया (जोड़ों का दर्द)

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bathua बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो - दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

 

ashwaghanda या नागौरी असगन्ध की जड़ और खांड दोनों समभाग लेकर कूट-पीस कपड़े से छानकर बारिक चुर्ण बना लें और किसी काँच के पात्र में रख लें। प्रतिदिन प्रातः व शाम चार से छः ग्राम चुर्ण गर्म दूध के साथ खायें। आवश्यकतानुसार तीन सप्ताह से छः सप्ताह तक लें। इस योग से गठिया का वह रोगी जिसने खाट पकड़ ली हो वह भी स्वस्थ हो जाता है। कमर-दर्द, हाथ-पाँव जंघाओं का दर्द एवं दुर्बलता मिटती है। यह एक उच्च कोटि का टॉनिक है।

Thursday, November 22, 2007

कब्ज

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fruit-dried-rasins-monucca कब्ज होने पर रात्रि सोते समय दस बारह मुनक्के (पानी से अच्छी तरह धोकर साफ कर बीज निकाल कर) दूध में उबाल कर खाएँ और ऊपर से वही दूध पी लें। प्रातः खुलकर शौच लगेगा। भयंकर कब्ज में तीन दिन लगातर लें और बाद में आवश्यकतानुसार कभी-कभी लें।

 

Trifla या  त्रिफला चुर्ण चार ग्राम (एक चम्मच भर) २०० ग्राम हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होता है।

 

 

isabgol या दस ग्राम (दो चम्मच) ईसबगोल की भूसी छः घंटे पानी में भिगोकर इतनी ही मिश्री मिलाकर रात सोते समय जल के साथ लेने से दस्त साफ आता है। इसे केवल पानी के साथ वैसे ही, बिना भिगोये ही, रात्रि सोते समय लिया जा सकता है।

या ईसबगोल की भूसी दस से पन्द्रह ग्राम (दो से तीन चम्मच) की मात्रा में २०० ग्राम गर्म दूध में भिगो दें। यह फूलकर गाढ़ी हो जाएगी। इसे चीनी मिलाकर खाएँ और ऊपर से थोड़ा और गर्म दूध पी लें। शाम को इसे लें तो प्रातः मल बंधा हुआ साफ आ जाएगा।

या ईसबगोल की भूसी १० - १५ ग्राम की मात्रा में थोड़े गर्म दूध के साथ मिलाकर नित्य रात को सोते समय खाने से प्रातः को पेट साफ हो जाता है। दूध में आधा पानी मिलाकर एक या दो उबाल आने तक औटाना चाहिये।

FO या आरंड़ का तेल अवस्थानुसार एक से पांच चम्मच की मात्रा से एक कप गर्म पानी या दूध में मिलाकर रात सोते समय पीने से कब्ज दूर होकर साफ आता है।

या आरंड़ का तेल बहुत ही अच्छा हानि रहित जुलाब है। इसे छोटे बच्चे को भी दिया जा सकता है और दूध के विकार से पेट दर्द तथा उल्टी होने की अवस्था में भी इसका प्रयोग बहुत हितकारी होता है।

orange_juice या पुराना से पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कब्ज - दो संतरों का रस खाली पेट प्रातः आठ दस दिन पीने से पुराना से पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कैसा भी कब्ज हो, ठीक हो जाता है।

खाने के बाद तुरन्त पाखाना जाने की आदात से छुटकारा

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coriander-powder १०० ग्राम सूखे धनिये में २५ ग्राम काला नमक पीसकर मिलाकर रख लें। भोजन के बाद दो ग्राम (आधा चम्मच) की मात्रा खाकर ऊपर से पानी पी लें। आवश्यकतानुसार निरन्तर एक दो सप्ताह लेने से खाने के बाद तुरन्त पाखाना जाने की आदत छुट जाती है।  blacksalt

 

FennelSeed या खाने के तुरन्त बाद पाखाना आता हो तो भुनी हुई सौंफ और जीरा का चुर्ण बनाकर रख लें। खाने के बाद एक चम्मच की मात्रा से इस चुर्ण की फंकी लेकर गर्म पानी पीना चाहिये। भोजन के बाद केवल भुनी हुई सौंफ चबाने से भी लाभ होता है। दो - तीन सप्ताह लें।jeera

Wednesday, November 21, 2007

बैठे गले का इलाज़

throat 

कच्चा सुंहागा आधा ग्राम (मटर के बराबर सुहागे को टुकड़ा) मुँह में रखें और रस चुसते रहें। उसके गल जाने के बाद स्वरभंग तुरंत आराम हो जाता है। दो तीन घण्टों मे ही गला बिलकुल साफ हो जाता है। उपदेशकों और गायकों की बैठी हुई आवाज खोलने के लिये अत्युत्तम है।

Mulathi या सोते समय एक ग्राम मुलहठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर सो रहें। प्रातः काल तक गला अवश्य साफ हो जायेगा। मुलठी चुर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाय तो और भी आसान और उत्तम रहेगा। इससे प्रातः गला खुलने के अतिरिक्त गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है।

 

Black Pepper Whole या रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। सर्दी जुकाम, स्वर भंग ठीक हो जाएगा। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुँह में रखकर धीरे-धीरे चुसते रहने से बैठा खुल जाता है। thumb_Patasha

 

या भोजन के पश्चात दस काली मिर्च का चुर्ण घी के साथ चाटें अथवा दस बताशे की चासनी में दस काली मिर्च का चुर्ण मिलाकर चाटें।

सोते हुए बिस्तर पर पेशाब करना

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Walnuts_and_Walnut_Kernels यदि बच्चा रात को सोते-सोते बिस्तर पर पेशाब करता है तो एक अखरोट की गिरी तथा पांच ग्राम किशमिश रात में सोने से पहले नित्य एक बार खिलाएं। सप्ताह-दस दिन में आराम होगा।kishmish

Tuesday, November 20, 2007

मुंहासे कुछ उपाए

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images संतरे के छिल्कों को छाया में सुखाकर बनाया गया बारिक चूर्ण और बराबर मात्रा में बेसन (अथवा बारीक पिसी हुई मुल्तानी मिट्टी दुगुनी) मिलाकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को पन्द्रह मिनट पानी में भिगोने के बाद गाढ़ा घोल बना लें और इसका मुंहासिं पर लेप करं। दस मिनट लगा रहने के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लिया जाए तो इस प्रकार ४-६ सप्ताह के प्रयोग से मुंहासे नष्ट हो जाते हैं।


images उपरोक्त संतरे के छिल्कों का महीन चुर्ण को गुलाब जल में मिलाकर बनाये गये घोल का लेप करने से चेहरे के मुंहासे नष्ट होते हैं तथा चेचक के दाग भी दूर होते हैं।

 

 

 


Trifla शीघ्र लाभ प्राप्त करने हेतु उपरोक्त प्रयोग के साथ-साथ त्रिफला-चूर्ण दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी से रात्री सोते समय लेते रहें।

 

 


मुनक्का १० नग पानी से साफ कर लें और रात को ६० ग्राम पानी में भिगो दें। प्रातः बीज निकालकर खा लें और बचे पानी में थोड़ी मिश्री या शक्कर मिलाकर या वैसे ही पी लें। एक मास तक सेवन करने से मुंहासे निकलने बन्द हो जाएंगे तथा खून साफ होगा।

पेट की हवा (पाद)

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Fruits2 काली हरड को पानी से धोकर किसी स्वच्छ कपडे से पोंछ साफ करके रख लें। दोनों समय भोजन के पश्चात एक हरज़ को मुँह में रखकर चूस लिया करें। लगभग एक घंटे में हरड मुँह में घुल जाती है। यह गैस और कब्ज के लिए सर्वश्रेष्ठ औषधि है।

या यदि ऊपर बतायी गई विधि से काली हरड चूसकर सेवन न कर सकें तो उसे रात में दो काली हरड २५० ग्राम पानी में किसी कांच की गिलास या मिट्टी के बर्तन में भिगो देने और अगले दिन प्रातः सूर्योदय से पहले पी लेने से भी आशातीत लाभ होगा। स्थायी लाभ के लिए चार छः मास तक सेवन करना चाहिए।

भोजन को निगलने से पहले खूब अच्छी तरह चबाना चाहिए।

Monday, November 19, 2007

रुका हुआ पेशाब

दो ग्राम जीरा और दो ग्राम मिश्री दोनों को पीसकर लेने से रुका हुआ पेशाब खुल जाता है। दिन में तीन बार लें।

 

 

या गुर्दे की खराबी से यदि पेशाब बनना बन्द हो जाय तो मूली और मूली के पत्तों का रस ६० ग्राम (दो औंस) की मात्रा से पीने से वह फिर से बनने लगता है। इससे पेशाब की जलन और वेदना भी मिट जाती है।

 

 

या अरंड़ी का तेल (castor oil) पच्चीस से पचास ग्राम तक गर्म पानी में मिलाकर पीने से पन्द्रह-बीस मिनट में ही पेशाब खुल जाता है। जब हर प्रकार से हार जाएँ और किसी उपाय से मूत्र न उतरे तो यह प्रयोग अवश्य आजमाने लायक है।

पेट में कीडे

अजवायन का चूर्ण बनाकर आधा ग्राम लेकर समभग गुड में गोली बनाकर दिन में तीन बार खिलाने से सभी प्रकार के पेट के कीडे नष्ट होते है।

या सुबह उठते ही बच्चे दस ग्राम (और बडे २५ ग्राम) गुड खाकर दस - पन्द्रह मिनट आराम करें। इससे आंतों में चिपके सब कीडे निकलकर एक जगह जमा हो जायेंगे। फिर बच्चे आधा ग्राम (और बडे एक - दो ग्राम) अजवायन का चुर्ण बासी पानी के साथ खायें। इससे आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीडे एकदम नष्ट होकर मल के साथ शीघ्र ही बाहर निकल जाते हैं।

 

 

या अजवायन चूर्ण आधा ग्राम में चुटकी भर काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बालकों के कीडे नष्ट होते हैं। बडे अजवायन के चुर्ण चार भाग में काला नमक एक भाग मिलाकर दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी के साथ लें।

 

या अजवायन का चूर्ण आधा ग्राम, साठ ग्राम मट्ठे या छाछ के साथ और बडो को दो ग्राम १२५ ग्राम मट्ठे के साथ देने से पेट के कीडे नष्ट होकर मल के साथ बाहर निकल जाते है।

Saturday, November 17, 2007

बदन का दर्द

एक लहसुन का गठिया लेकर उसकी चार कुलियाँ छीलकर तीस ग्राम सरसों के तेल में डाल दें। उसमें दो ग्राम (आधा चम्मच) अजवायन के दाने डालकर धीमी-धीमी आँच पर पकायें। जब लहसुन और अजवायन काली पडने पर तेल उतारकर थोडा ठंडा कर छान लें। इस सुहाते-सुहाते गर्म तेल की मालिश करने से हर प्रकार का बदन का दर्द हो जाता है।

 

 

या १० ग्राम कपूर, २०० ग्राम सरसों का तेल - दोनों को शीशी में भरकर मजबूत कार्क लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

निम्न रक्त चाप

३२ किशमिश किसी चीनी के कप में २४० ग्राम पानी में भिगो दें। बारह घण्टे भीगने के बाद प्रातः एक-एक किशमिश को उठाकर खूब चबा-चबाकर (प्रत्येक किशमिश को बत्तीस बार चबाकर) खाने से निम्न रक्तचाप में बहुत लाभ होता है। पूर्ण लाभ के लिये बत्तीस दिन खायें। एक महीना व्यवहार करने से देह से रोग-विष शीघ्र बाहर हो जाता है।

 

या निम्न रक्तचाप या हृदय-दुर्बलता के कारण मुर्छित हो जाने पर हरे आँवलों का रस और शहद बराबर-बराबर दो-दो चम्मच मिलाकर चटाने से होश आ जाता है और ह्रदय की कमजोरी दूर हो जाती है।