भांग का नशा ज्यादा चढ गया हो तो पकी ईमली का ३० ग्राम २५० ग्राम पानी में भिगोकर, मथकर, छानकर उसमें ३० ग्राम गुड मिलाकर यह इमली का पानी पिलाएं।
या भांग का नशा उतारने के लिए छाछ पिलाएं अथवा मीठा ताजा दही खिलाएं।
या नींबू चूसने को दें अथवा नींबू का अचार खाने को दें।
भांग के नशे से उतपन्न बेहोशी दूर करने के लिए सरसों का तेल गर्म करके गुनगुने सरसो के तेल की बूंदें रोगी के दोनों कानों में ङालें।
6 comments:
दादी जी प्रणाम
हमारे राजस्थान में एक कहावत है कि
भांग मांगे भूंगड़ा अने दारू मांगे जूतियां
अभी पूरा याद नहीं आ रहा).. मन पड़े तो पी।
यानि भांग का नशा चढ़ने पर अगर भुने हुए चने खाये या खिलाये जायें तो नशा जल्दी उतर जाता है और.. दारू का नशा चढ़ने पर....जूतियाँ। :)
आपका स्वागत है, बहुत बढ़िया विषय पर लिखना शुरु किया आपने। बधाई
॥दस्तक॥
गीतों की महफिल
नाहर जी,
शुक्रिया
bhang mange bhungda.ganjo mange ghee..
Daru mange jutiyan thare daye pade to pee..
Really very helpful for us.. Thx Dadaai G...
Mitesh Khatri, Bikaner
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भंग मांगे भुख
अफ़ीम मंगे घी
दारू मंगे जूतियां
कहीं भी बैठ कर पी
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