काली हरड को पानी से धोकर किसी स्वच्छ कपडे से पोंछ साफ करके रख लें। दोनों समय भोजन के पश्चात एक हरज़ को मुँह में रखकर चूस लिया करें। लगभग एक घंटे में हरड मुँह में घुल जाती है। यह गैस और कब्ज के लिए सर्वश्रेष्ठ औषधि है।
या यदि ऊपर बतायी गई विधि से काली हरड चूसकर सेवन न कर सकें तो उसे रात में दो काली हरड २५० ग्राम पानी में किसी कांच की गिलास या मिट्टी के बर्तन में भिगो देने और अगले दिन प्रातः सूर्योदय से पहले पी लेने से भी आशातीत लाभ होगा। स्थायी लाभ के लिए चार छः मास तक सेवन करना चाहिए।
भोजन को निगलने से पहले खूब अच्छी तरह चबाना चाहिए।
5 comments:
खाना खाने के बाद बायीं करवट लेट कर दस सांस गहरी लेकर दस सांस धीमी लेने पर भी पेट की वायु निकल जाती है,फ़िर पन्द्रह मिनट बाद दाहिनी करवट लेट कर पहले दस सांस धीमे और दस सांस गहरी लेने से पेट के अन्दर की वायु निकल कर भोजन नली को वायु हीन हो जाती है,अधिक वायु बनाने वाली वस्तुयें जैसे शाम को मूली की सलाद,दोपहर को खट्टा दही,सुबह को मूंगफ़ली या खाने के बाद किसी भुने हुए अन्न को खाने से वायु विकार हो जाते है,वैसे कहावत भी है,"आंतनि त्रिफ़ला दांतन नौन,चौथाई छोड जो खावे पौन,सांझ सकारे झाडे जावे,ताघर वैद्य कभी न आवे",.
हर समय और हर जगह पर पादना ठीक नही होता है,अक्सर जहां भी लोगों को पदास लगी और कूल्हा उचका कर पूं पां कर देते है,बुरा तब लगता है,जब बात भी किसी सार्वजनिक स्थान पर चल रही हो,अक्सर नई बहुयें पादने के लिये बाथरूम में भागतीं है,और पाद नही रुकने पर उनका पेट फ़ूलना चालू हो जाता है,अधिकतर मामलों में टीं टां का स्वर सुनाई ही दे जाता है,सास के मन में बहू का पादना तब और खटकता है,जब बहू दरवाजे के बीच में बैठ कर टींकरा देती है,घर के बडे बूढे लोग जरा से पेट पर हाथ फ़िराया और "भों" का स्वर निकालते है,पास खडे हुये बच्चे खिल खिलाकर हंस पडते है,इसी लिये कहावत कही गयी है,"आइये हुजूर,खाइये खुजूर,बैठिये तखत पर,और पादिये बखत पर".खजूर खाने के बाद पाद जरूर आता है,और पाद भी पाखाने के समय भी आता है,रोजाना दो पिण्ड खजूर खाने के बाद सभी तरह की बदहजमी को दूर करता है,बुजुर्ग लोगों को जिनको दूध माफ़िक नही होता,और जो लगातार बैठ कर काम करते है,उनके लिये यह रामबाण दवा है.
दोनों समय भोजन के पश्चात एक हरज़ को मुँह में रखकर चूस लिया करें।.......? हरज़:Is this a typing slip?
मजा आ गया बहुत सुंदर जानकारी है
पादने से मछर भागते हैं ।
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