Friday, November 23, 2007

गठिया (जोड़ों का दर्द)

knee

bathua बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो - दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

 

ashwaghanda या नागौरी असगन्ध की जड़ और खांड दोनों समभाग लेकर कूट-पीस कपड़े से छानकर बारिक चुर्ण बना लें और किसी काँच के पात्र में रख लें। प्रतिदिन प्रातः व शाम चार से छः ग्राम चुर्ण गर्म दूध के साथ खायें। आवश्यकतानुसार तीन सप्ताह से छः सप्ताह तक लें। इस योग से गठिया का वह रोगी जिसने खाट पकड़ ली हो वह भी स्वस्थ हो जाता है। कमर-दर्द, हाथ-पाँव जंघाओं का दर्द एवं दुर्बलता मिटती है। यह एक उच्च कोटि का टॉनिक है।

1 comment:

Dr.Dayaram Aalok said...

आधुनिक चिकित्सा की गथिया में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के भीषण दुष्परिणाम सामने आते रहने से लोग अब सुरक्छित उपायके तौर पर घरेलू नुस्खों के प्रयोग से राहत पाने का उपक्रम करने लगे हैं। दादी मां के नुस्कों में अपना एक और नुस्खा जोडना चाहूंगा-
करीब आधा लिटर गरम जल में ४० ग्राम एप्सम साल्ट घोलें(मेडीकल की दूकान पर उपलब्ध),इसमें चार नींबू का रस निचोडें और कांच के पात्र में भर लें। सुबह-शाम ५ ग्राम लेने से अवश्य लाभ होगा। गठिया व अन्य रोगों में आशु लाभकारी नुस्खों के लिय मेरा ब्लाग-
http://ghareloonuskhonserogchikitsa.blogspot.com पढे,और नि:शुल्क मार्ग दर्शन प्राप्त करें।